खेती का तरीका – कीट प्रबंधन

कीट का शुरुआती तथ्य यह है कि वह, मित्र एवं शत्रु दोनों प्रकार के होते हैं कुछ कीट पर्यावरण को लाभ पहुंचाते हैं तो कुछ हानी| मित्र कीटों को हमें सुरक्षा प्रदान करनी होती है और शत्रु कीटों का विनाश| अमरूद की खेती में हमें हमेशा शत्रु कीटों के प्रति सजग रहना होता है, यह कीट बगीचे में पत्तियों .जड़ो, तने .फूलो एवं फलों को काट कर , उन पर अंडे देकर ,उनका रस चूस कर क्षतिग्रस्त करते हैं जो रोगो के लिए खुला निमंत्रण होता है इन सारी क्रियाएं से बगीचे को क्षति पहुंचने के साथ ही फल उत्पादन में गिरावट आती जाती है|

अमरुद के पौधे / वृक्ष पर मौसम ,तापमान .आर्द्रता ,खरपतवार आदि के कारण समय-समय पर कीटों का प्रकोप होता है ,वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार अमरुद के पौधे पर 80 जाति / उपजाति के कीटों का प्रकोप होता है ,पर इनमें से तकरीबन 20 ऐसे हैं जिनका प्रकोप अधिक होता है अलग अलग  भौगोलिक क्षेत्रों में इनकी संख्या कम या अधिक हो सकती है |फल मक्खी, फल में लगने वाला बोरर, तने में लगने वाला बोरर, मिलीबग,  छाल काटने वाला बोरर, सफेद मक्खी, थ्रिप्स, एफिड सफ़ेद गिडार या वाइट ग्रब इनमें मुख्य है|

वी एन आर नर्सरी टीम ने तकरीबन हर भौगोलिक क्षेत्र में वी एन आर बीही के बगीचे में भ्रमण करके कीटों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया और इनकी रोकथाम एवं इलाज के लिए किसानो के सहयोग से विभिन्न प्रयोग किये |इसी जानकारी एवं अनुभव को यहां प्रस्तुत करने का प्रयास है|

 वी एन आर बीही अमरुद में लगने वाले मुख्य कीट:

  1. फल मक्खी / Fruit Fly
  2. मिलीबग / Mealy Bug
  3. एफिड / Aphid
  4. छाल खाने वाली इल्ली / Bark eating Caterpillar
  5. बिहार हेयरी इल्ली / Bihar Hairy Caterpillar
  6. फल छेदक/ Fruit Borer
  7. सफ़ेद मक्खी / White Fly
  8. थ्रिप्स / Thrips
  9. वाइट ग्रब / White Grub

अस्वीकरण / Disclaimer

  • उपरोक्त विषय वस्तु हमारे अपने ज्ञान एवं अनुभव तथा वी एन आर बीही की खेती करने वाले किसानों के अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर प्रस्तुत है|
  • हम यहा किसी भी रासायनिक फॉर्मूलेशन को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बढ़ावा देना नहीं चाहते है|
  • रासायनिक उत्पादों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी पूर्णतः उनके बनाने वाले एवं बेचने वालों की है |
  • किसानों से निवेदन है कि रासायनिक उत्पादों की जांच अपने स्तर पर निर्माता एवं विक्रेता से सुनिश्चित करें उसके पश्चात ही उत्पादों को प्रयोग में लाए|
  • किसी भी प्रकार के भ्रम एवं विरोधाभास की स्थिति में वीएनआर नर्सरी की तकनीकी टीम अथवा नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र अथवा कृषि महाविद्यालय अथवा कृषि विश्वविद्यालय अथवा आई .सी ए .आर के अनुसंधान केंद्र से संपर्क करें|