वी एन आर बीही अमरुद : शस्य पद्धति

अमरुद भारत में बहुत ही लोकप्रिय फल है, यह मिर्टेसी परिवार में आता है अल्फोंसो डी कोंडोले के अनुसार  उष्णकटिबंधीय अमेरिका से पूरी दुनिया में इसका प्रसार हुआ| भारत में 17 वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के साथ आकर यह पूरे देश में फैला|

भारत में अमरूद की खेती जम्मू से लेकर तामिलनाडु ,पूर्वोत्तर राज्यों से लेकर गुजरात में सफलतापूर्वक की जाती है| अमरुद को सभी तरह की मिट्टी / मृदाओ में उगाया जा सकता है , जिसका पीएच 4.5 से 9.4 के आस-पास हो, पर कम एवं अधिक पीएच की मृदाओ में विशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता होती है| इसकी खेती कटिबंधीय एवं उष्णकटिबंधीय जलवायु में , सूखी एवं नमी युक्त स्थितियों में सफलतापूर्वक की जा सकती है परंतु कोहरे एवं पाले की स्थिति इसके लिए विषम है , भारत में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार आदि राज्यों में इसकी खेती बड़ी पैमाने पर की जाती है|

वी एन आर बीही प्रजाति के अमरुद का अनुसंधान एवं विकास कृषि पंडित आदरणीय डॉ नारायण चावड़ा चेयरमैन वी एन आर समूह के द्वारा वर्षों के कठिन परिश्रम एवं लगन का परिणाम है| आज वी एन आर बीही अमरूद पूरे देश के किसानों की पहली पसंद है| बड़े आकार ,कम बीज, अधिक उत्पादन, औसत मिठास ,अधिक समय तक गुणवत्ता बनाए रखने की क्षमता एवं बाजार में किसानों को मिलने वाले अधिक मूल्य की वजह से आज भारत के 20 प्रदेशों के 290 से अधिक जिलों में 40 लाख से अधिक पौधे किसानों की आमदनी में दिनों दिन प्रगति कर रहे हैं|

भारत में लगे वी एन आर बीही के हर बगीचे के  किसान तक इस प्रजाति की शस्य पद्धति को पहुंचाने की आवश्यकता महसूस की गई| इस क्रम में यह भी निर्धारित किया गया कि इस प्रयास को बहुत से चित्रों के द्वारा एवं वीडियो के द्वारा पहुंचाया जाए जिससे हर किसान जब भी आवश्यकता महसूस करें वी एन आर नर्सरी की वेबसाइट www.vnrnursery.in पर जाकर पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सके एवं कौशल विकास के लिए youtube.com पर जाकर भी वी एन आर नर्सरी द्वारा अपलोड किये गये वीडियो देख कर शस्य क्रियाये सीख़ सके|

वी एन आर नर्सरी की टीम समय-समय पर किसानों के संपर्क में रहती है  इससे ज्ञात हुआ है कि इस शस्य पद्धति का लाभ किसान समय-समय पर अपनी उत्पादकता बढ़ाने के लिये, कीटों एवं बीमारियों से मुक्ति के लिये  एवं अपने उत्पादों का विक्रय करने  लिए करते हैं|

बहुत से किसानों द्वारा वी एन आर बीही अमरुद की खेती का अनुभव भी साझा किया गया है जो www.vnrnursery.in/testimonials  पर  देखा जा सकता है|

वी एन आर बीही अमरूद की शस्य पद्धति / खेती करने का तरीका निम्नानुसार है

  1. भूमि की तैय्यारी
  2. पौधरोपण के पूर्व पौधों की देखरेख
  3. पौधरोपण एवं मिट्टी की पौधे पर ऊंचाई
  4. टपक सिंचाई अथवा ड्रिप की पाइप का स्थानन
  5. पौधों को सहारे से बाँधना
  6. ग्राफ्टिंग जोड़ से टेप निकालना
  7. पौधों को प्रशिक्षित ट्रेनिंग करना
  8. पौधों की छँटाई
  9. फल संख्या कम करना
  10. फल लगी शाखाओं के अग्रभाग को काटना
  11. फलों पर आवरण लगाना
  12. फलों की कटाई अथवा तुड़ाई
  13. फलों की ग्रेडिंग
  14. फलों की तुड़ाई के पश्चात प्रबंधन
  15. फलों की बिक्री वी एन आर नर्सरी के क्रेता विक्रेता केंद्र के सहयोग से
  16. रोग प्रबंधन
  17. कीट प्रबंधन
  18. खरपतवार प्रबंधन
  19. सनबर्न (सूर्य ताप से फलों और पेड़ का जलना)
  20. पाले से सुरक्षा
  21. वर्षाकाल में बगीचे की देखरेख

वी एन आर नर्सरी की तकनीकी टीम का सर्वदा प्रयास रहेगा की शस्य पद्धति के उपरोक्त पाठ्यक्रम  में  समयानुसार उचित बदलाव करके इसे किसानों के लिए अधिकाधिक उपयोगी बनाया जाये| वी एन आर नर्सरी की तकनीकी टीम किसानों, वैज्ञानिकों, फल अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने वाले विषय पंडितों से उनके मार्गदर्शन के लिए निवेदन करती हैं|