< वापस शस्य पद्धति की सूचि पर जाएँ
वी एन आर बीही पौधे – पौधरोपण के पूर्व देखभाल रखरखाव
प्रश्न– पौधरोपण के पूर्व पौधे की देखरेख क्यों करनी चाहिये ?
हम सभी जानते हैं कि प्रकाश संश्लेषण के दौरान पौधे प्रकाश ,जल ,पोषक तत्व एवं कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग करके कार्बोहाइड्रेट / वसा का निर्माण एवं संचयन करते हैं| पौधे श्वसन के दौरान कार्बोहाइड्रेट एवं ऑक्सीजन का उपयोग अपनी वृद्धि के लिए करते हैं| पौधे अपनी पत्तियों, तनो एवं जड़ो से गर्म एवं शुष्क वातावरण में पानी का अधिक उपयोग करते हैं|
किसान आमतौर पर पौधे नर्सरी से खरीदते हैं – यह नर्सरी स्थानीय , गैर जनपद की अथवा प्रदेश की हो सकती है| पौधे नर्सरी में वर्तमान प्रबंधन मौसम एवं जलवायु के अभयस्त हो जाते हैं, जब हम इन्हें नर्सरी से परिवहन कराके दूर या बहुत दूर के स्थानों अथवा खेतों पर ले जाते हैं तो इनका वर्तमान का क्रम टूटता है, और यह पौधे नई जलवायु एवं प्रबंधन की प्रक्रिया से रूबरू होते हैं| इस नयेपन में अपने को स्थापित करने में पौधे कुछ समय लेते हैं, यह समय एक दिन से लेकर कई दिनों का होता है, इस अवधि में पौधे अपनी अव्यवस्थित वाष्पोत्सर्जन, प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन प्रक्रिया को व्यवस्थित करते हुये, क्षेत्रीय प्रबंध एवं स्थानीय मौसम एवं जलवायु के अनुकूल बनने का प्रयास करते हैं|
किसान भाई पूछते हैं की पौधे को कितने दिन का विश्राम देना उचित होगा ?
ऐसा अनुभव किया गया है कि 1 दिन की यात्रा किये हुए पौधे को कम से कम 2 दिनों का विश्राम, उचित वातावरण में रखने की व्यवस्था एवं जल प्रबंधन आवश्यक है|
वी एन आर बीही के पौधों का पौधरोपण के पूर्व रखरखाव
सर्वप्रथम एक स्थान का चयन करना चाहिए जो सुगम , स्वस्थ, साफ सुथरा एवं जलभराव रहित हो, अगर चयनित स्थान ऊंचाई से ढाल की तरफ हो तो उत्तम है अथवा ऐसा बनाया जा सकता है, इस प्रकार का स्थान जलभराव से पौधे को सुरक्षति रखता है और साथ ही साथ मौसमी मृदा ऊष्मा से भी पौधे को बचाता है|
पौधे पॉलीथिन बिछी जगह पर ही रखें
चयनित स्थान पर जमीन को पॉलीथिन बिछाकर ढक देते हैं| यह पॉलिथीन पौधों को मिट्टी के संपर्क में नहीं आने देता पॉलीबैग में तैयार पौधों की जड़े पॉलीबैग में बने छिद्र से प्राय बाहर आ जाती है और मिट्टी के संपर्क में आने पर उस में स्थापित होती जाती है पौधरोपण के समय इन पौधों को निकालने पर जड़े टूट जाती है, जिसके फलस्वरूप पौधे कमजोर हो जाते हैं अथवा मर जाते है |
पौधे रखने के लिए छायादार स्थान –
पौधे रखने के स्थान पर धूप छाँव अथवा हल्की छाव की व्यवस्था उपयुक्त है | यह व्यवस्था ना होने की दिशा में 50 % शेड नेट का उपयोग कर सकते हैं| शेड नेट की ऊंचाई कम से कम 7 – 8 फीट रखें जिसमें प्रकाश एवं वायु का आवागमन एवं श्रमिक को काम करने की सुविधा रहे
पंक्तियों में पौधे रखने की विधि –
पॉलिथीन पर 10 -10 पौधे को लाइन में रखें एवं एक लाइन से दूसरी लाइन कम से कम 3 फ़ीट से 4 फीट दूर रखें, जिसे सिंचाई एवं स्प्रे करने में सुविधा हो
पौधों को गाड़ी से उतारने की विधि
पौधों को हमेशा पॉलीबैग से पकड़े किसी भी स्थिति में तने डालीयों या पत्तियों को पकड़ कर ना उठाये ऐसा करने से पौधा टूट सकता है, या जड़ों को क्षति हो सकती है, पौधे हमेशा सीधा रखें अथवा सीधा पकड़े सभी पौधे उतार कर उचित स्थान पर रख कर तुरंत सिंचाई की जानी चाहिए और हल्की सिंचाई के रूप में इस प्रक्रिया को सुबह शाम (गर्मी में) या शाम को अन्य समय दोहराये| जल की कमी नुकसानदायक है|
पौधों की भंडारण के समय देखभाल
पौधों की देखभाल 3 तरह से आवश्यक है
- सिंचाई
- कीटनाशक कवक नाशक का स्प्रे
- रूटस्टॉक फूल एवं फल हटाना
सिंचाई( Irrigation )
- प्रतिदिन सुबह एवं शाम फव्वारे से अथवा हजारे से करना चाहिये
- कुछ पौधों को उठाकर , पॉली बैग की मिट्टी को दबाकर चेक करना चाहिए की पानी उनमे नीचे तक पहुंच रहा है अथवा नहीं|
- सिंचाई के बाद प्रत्येक पॉली बैग की मिट्टी पर्याप्त रूप से गीली होनी चाहिए क्योंकि जड़े पॉलीबैग की मिट्टी में ही विद्यमान है |
कीटनाशक एवं कवकनाशी का स्प्रे (Insecticide & Fungicide Spray)
पौधों को गाड़ी से उतारकर पंक्तिबद्ध रखने के पश्चात कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर एवं एसीफेट 1.5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये|
एक छिड़काव से दूसरे छिड़काव के बीच कम से कम 7 से 10 दिन का अंतराल रखें
रूटस्टॉक, फूल एवं फल हटाना
- लंबी अवधि में पौधे रखने पर अथवा अन्य कारणों से पौधे के पॉलीबैग के ऊपरी हिस्से की मिट्टी से लेकर ग्राफ्टिंग अथवा बडिंग जोड़ के नीचे तक किसी भी प्रकार की वानस्पतिक वृद्धि को निरंतर हटाये| यह वृद्धि मूलवृन्त/रूटस्टॉक की होती है
- जिन पौधों में फूल एवं फल दिख रहे हो उन्हें भी हटाये