प्रश्न – विल्ट क्या है ?
विल्ट अमरुद में लगने वाली मुख्य बीमारी है,अमरुद के पौधे में निमेटोड के संक्रमण एवं जड़ों को चोट / घाव का उत्पन्न होने पर इसकी संभावना अधिक रहती है|
इस बीमारी के मुख्य कारण के बारे में विज्ञान का ज्ञान अधूरा है, इस बीमारी के रोगजनक पैथोजन निम्न है:
- फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम
- फ्यूजेरियम प्सीडी
- फ्यूजेरियम सोलेनी
- मेक्रोफोमिना फेसीयोलाई
- राइजोक्टोनिया बेटिटोकोला
- सिफालोस्पोरम
- ग्लाइऑकनेडियमरोसियम आदि
लक्षण – बाह्य लक्षण
- सर्वप्रथम टर्मिनल शाखाओं पर पत्तियाँ पीली पड़ते हुए अधिकांश रूप से मुड़ जाती है | इसके बाद पत्तियाँ पूर्णता पीली होती हुई लाल हो जाती हैं|
- इसके बाद पत्तिया रोग ग्रस्त होते हुए शाखाओं से नीचे गिर जाती है और शाखाये पत्ती विहीन हो जाती हैं|
- इन शाखाओ पर नई पत्ती एवं फूल का आगमन नहीं होता है| पौधा सूखना प्रारम्भ करता हैं|
- यदि पौधे पर फल लगे होते हैं तो फल विकसित नहीं होते और अपने आकार पर ही सूख कर कड़े हो जाते हैं|
आन्तरिक लक्षण
- Pathogens\ रोगजनक युवा एवं अधिक उम्र दोनों प्रकार के पौधों पर संक्रमण करते हैं|
- पौधे की जड़े सड़ने लगती है और पेड़ की छाल तने से अलग होने लगती है |संवहनी ऊतक हल्के भूरे रंग के दिखने लगते हैं|
- Pathogens\ रोगजनक युवा एवं अधिक उम्र दोनों प्रकार के पौधों पर संक्रमण करते हैं|
- पौधे के तने को क्रॉस सेक्शन काटने पर \ खड़ी अवस्था में आधे पर काटने पर उसका रंग राख के गाढ़े रंग की तरह होता हैं|
विल्ट के प्रसार का तरीका
- पौधों की मिट्टी के आवागमन से
- जलभराव होने की वजह से
- जड़ों में चोट / घाव और निमेटोड से
प्रकोप के कारण
- पौध रोपण के पश्चात पौधे पर मिट्टी चढ़ाकर ग्राफ्टिंग जोड़ को मिट्टी से ढकना |
- खेत में जलभराव का होना और पानी का लम्बे समय तक खेत में रुकना |
- वातवरण का तापक्रम 23 -32 0c और सांद्रता 76 % रोग के लिए अनुकूल |
- समय पर रोग की उचित रोकथाम व इलाज का ना करना |
प्रबंधन
- पौधरोपण के समय जड़ो पर चोट ना लगने दें|
- पौधों की सामायिक छटाई करके रोग ग्रस्त सूखी हुई शाखाओं को निकालते रहे|
- खेत में पौधों में निमेटोड संक्रमण ना होने दें|
- शुरुआती लक्षण के समय ही कार्बेन्डाजिम 50 % डब्लू. पी. 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर या मेफ़ेनोक्सेम + कॉपर ऑक्सिक्लोराइड का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी से तने के चारों तरफ छिड़काव करें मात्रा इतनी हो की जड़ तक पहुंच सके|
- सूखे और अत्यधिक रोग ग्रस्त पौधों को उचित तरीके से से उखाड़कर जला दे पौध स्थान पर पोटेशियम हाइपोक्लोराइट का स्प्रे करके (एक भाग से पोटेशियम हाइपोक्लोराइट और 100 भाग पानी) मिट्टी को खुली धूप छोड़ दे|
- पौधों को निकाल कर ले जाते समय सावधानी रखें जिससे जड़ों की मिट्टी बगीचे में खेत के या खेत के किसी भाग में न गिरने पाये|
- रोगग्रसित पौधे को जला कर नष्ट कर दे|