छाल खाने वाली इल्ली क्या है ?
इसका वैज्ञानिक नाम इंडरबेला टेट्राओनिस है | यह मुख्यतः तने एवं पुरानी शाखाओं पर रहता है इसका मुख्य आहार तने एवं शाखाओं की छाल है |यह इंडरबेला मॉथ की शुरुआती अवस्था है
जीवन चक्र
अण्डे / Eggs– यहां मोथ तने एवं शाखाओं की छाल में या फटे हुए भाग में अण्डे देती है |एक बार में यह बहुत से अण्डे जगह जगह पर देती है | अण्डे 7 से 11 दिन बाद लार्वा में परिवर्तित हो जाते है |
लार्वा / Larvae – लार्वा भोजन की तलाश में तने के अंदर छेद करके प्रविष्ट होता है और इधर-उधर छोटी बड़ी गुफा बनाता है | यह गुफाएं दिन के समय विश्राम के काम आती है |रात में यह बाहर निकल कर छाल का भोजन करता है| यह अवस्था 270 -298 दिन तक बनी रहती है|
प्यूपा /Pupa – यह अवस्था वयस्क बनने के पहले की है और गुफा में ही पूर्ण होती है यह अवस्था 20-25 दिन तक बनी रहती है
वयस्क /Adult – नर कीट मादा कीट से छोटे होते हैं एवं कम दिनों तक जीवित रहते हैं यह तकरीबन 4 से 7 दिन तक जीवित रहते है |
प्रश्न –यह कीट पौधों को कैसे नुकसान पहुंचाता है ?
लार्वा अवस्था सबसे अधिक क्षति करती है, भोजन की तलाश में इसके द्वारा की गई क्षति पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जिससे आहार लाने एवं ले जाने का क्रम टूट जाता है और पौधे कमजोर होकर सूख जाते हैं |
लक्षण
- पौधे के तने एवं शाखाओं पर भूरा भूरा एवं जाले की शक्ल लिए हुआ पारदर्शी दिखाई देता है इसको हटाने पर एक छिद्र अथवा चबाया हुआ निशान, तत्पश्चात तने को थोड़ा सा छीलकर देखने पर इस्माल टनल / छोटी-छोटी गुफाएं दिखती है|
- तने से शाखाओं के जोड़ पर एवं शाखाओं से शाखाओं के जोड़ पर भी छोटे-छोटे छेद दिखाई देते हैं , नई शाखाएं सूखने लगती है क्योंकि उन्हें जल व भोजन नहीं मिल पाता है
अमरुद के पौधे पर बार्क इटिंग कैटरपिलर का लक्षण
इस कीट का प्रबंध कैसे करें ?
- बगीचे को साफ सुथरा रखें |
- तने एवं शाखाओं का निरीक्षण करके छिद्रों को चिन्हित कर ले |
- छिद्रों को एक पतले नुकीले तार से अंदर साफ करने का प्रयास करें |
- अंदर बैठा कीट प्रायः नुकीले तार से मर जाता है पर अगर गुफाएं टेढ़ी-मेढ़ी है तो तार नहीं पहुंचेगा और कीट सुरक्षित रहेगा|
- तार को बाहर निकाल कर एक सिरिंज में मिट्टी का तेल (Kerosene oil) अथवा नुवान भरकर (1 मि .ली. प्रति लीटर जल ) में भर दे और बाहर से गीली मिट्टी द्वारा छिद्र को बंद कर दे |
- एक छिद्र छूटने पर कीट उससे बाहर निकल जाएगा अतःसावधानी पूर्वक पूरी क्रिया करें
- फरवरी से जून माह के बीच इसका प्रकोप सर्वाधिक है अतः तने पर और शाखाओं के एवं तने के जोड़ पर कीटनाशक क्लोरोपाइरीफोस ( 2 मि .ली. प्रति लीटर जल का) छिड़काव करें |