कीट प्रबंधन : मीली बग

मीली बग क्या है ?

मीली बग का वैज्ञानिक नाम Ferrisia Virgata है , यह एक चूषक कीट है जो पत्तियों फलों और मुलायम हरे भाग का रस चूस कर उसे संक्रमित करता है और क्षति पहुंचाता है|

नर मीली बग पौधों को नर की अपेक्षा अधिक क्षति पहुंचाती है |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मुख्यत: ऐसा देखा गया है की मादा मीली बग नर मीली बग से ज्यादा हानिकारक होती  है |

जीवन चक्र

अण्डे इसके अण्डे जमीन में रहते हैं और तकरीबन एक माह में इससे  निम्फ / लार्वा उत्पन्न हो जाते है |

निम्फ / लार्वा  क्रियाशील निम्फ / लार्वा  पौधे का रस चूसना प्रारम्भ कर देते है |  

वयस्क  नर कीट में पंख निकल आते हैं और यह पौधों हानि कम पहुंचाते हैं ,मादा कीट पौधों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाती है और बहुत तेजी से जनसंख्या वृद्धि करती है |

मीली बग फलों को कैसे नुकसान पहुंचाता है ?

  • निम्फ एवं मादा कीट अधिकाँशतः पौधों को हानि पहुंचाते हैं
  • मादा कीट पत्तियों .मुलायम. शाखाओं और फलों का रस चूस कर उसकी वृद्धि को प्रभावित करती है
  • पौधो की पत्तियां धीरे धीरे पीली पड़ने लगती है और पौधे से नीचे गिर जाती है
  • अत्यधिक संख्या में होने पर पत्तियों के पिछले भाग में एक सफेद आवरण दिखता है जो छूने पर चिपचिपा और मोम युक्त सा प्रतीत होता है |कीट की संख्या अधिक होने पर पौधा सूटी मोल्ड नामक रोग जो कवक / फंगस जनित है उससे प्रभावित होता है,सूटी मोल्ड बीमारी पौधे के लिए अत्यंत हानिकारक है |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रबंधन

  • बगीचे की नियमित सफाई करते रहे और पौधों की जांच करते रहे |
  • पौधे के तने पर गोंद युक्त प्लास्टिक बैंड / स्टिकी बैंड लगाये क्यों की इस कीट का परिवहन चीटियों  के द्वारा होता है स्टिकी बैंड लगाने के कारण चीटिया फल वृक्ष पर नहीं चढ़ पाती है |

 

 

 

 

 

 

 

  • कीट कम संख्या में होने पर डिटर्जेंट से संक्रमित क्षेत्र को धोने से बचाव होता है, इसके बाद क्लोरोपाइरीफोस 20 ई सी का 2 मिली लीटर प्रति लीटर जल में घोल बनाकर मिट्टी में ड्रैंचिंग करे और पत्तियों की पिछली सतह पर स्प्रे करें
  • निम्नलिखित कृषि रसायनों में से किसी एक का स्प्रे एक बार और अन्य का दूसरी और तीसरी बार छिड़काव करने पर लाभप्रद होता है|
  • बूप्रोफेज़िन 25 % एस . सी  @ 1 मिली /लीटर जल 
  • क्लोरोपाइरीफोस 20 ई. सी. @ 5  मिली /लीटर जल
  • सल्फोक्साफ्लोर 24 % एस. सी . @ 0.5 मिली /लीटर जल
  • मैलाथियान 50 ई. सी. @ 2 मिली /लीटर जल
  • बहुत अधिक संक्रमण होने पर पौधे की मोटी छटाई / हार्ड प्रूनिंग करें  (कटी शाखाओं को खेत के बाहर ले जाकर जला दे)|