कीट प्रबंधन : सफ़ेद गिडार

सफ़ेद गिडार / वाइट ग्रब क्या है ?

सफ़ेद गिडार / वाइट ग्रब कोलियोपटेरा गण का कीट है ,इसका वैज्ञानिक नाम होलोट्रोचिआ सिराटा, होलोट्रोचिआ कोनसांगिनी है .यह मिट्टी में रहने वाला बहुभक्षी कीट है जो मिट्टी के कार्बनिक पदार्थो को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करता है .यह अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामो से जाना जाता है, जैसे सफ़ेद गिडार, गोबर कीड़ा ,गोबरिया कीड़ा आदि  वैज्ञानिक रूप से इसे वाइट ग्रब या सफ़ेद लट कहते है|

 आमतौर पर किसान  गोबर अथवा कम्पोस्ट की खाद अन्य स्थानों से  खेत  में लाते है इस प्रकार कच्ची खाद में / बिना अच्छी तरह सड़ी हुई खाद में ये कीट आमतौर पर रहता  है   |

जीवन चक्र

वाइट ग्रब मई के मध्य या बाद में अच्छी बारिश के बाद शाम के समय (शाम  7 बजे से रात 10 बजे तक) मिट्टी से निकलता  हैं । वाइट ग्रब की होलोट्रोचिआ कोनसांगिनी प्रजाति 76-96 दिनों में अपने जीवन चक्र को पूरा  करती है जबकि होलोट्रोचिआ सिराटा प्रजाति का जीवन चक्र 141 से 228 दिन में पूर्ण होता है

  • अंडे : अंडे की अवधि 8-10 दिन होती है अंडो का रंग सफेद एवं आकर गोलापन लिए हुए है 
  • लार्वा : लार्वा की अवधि 56-70 दिन होती है  युवा ग्रब  मांसल, पारदर्शी एवं सफेद पीले रंग के, एव अंग्रेजी के अक्षर  ‘सी’ के आकार के होते हैं |
  • प्यूपा : प्यूपा का जीवन काल 12-16  दिन का होता है |
  • वयस्क : वयस्क का रंग  गहरा  भूरा होता है  । वाइट ग्रब का  वयस्क  18-20 मिमी लम्बा  और 7-9 मिमी चौडा  होता  हैं,  बारिश की शुरुआत के बाद 3-4 दिनों के भीतर वयस्क मिट्टी से बाहर निकलता  हैं।

 

 

 

 

 

Source:

https://www.nbair.res.in/Databases/insectpests/images/Holotrichia-serrata3.jpg

https://link.springer.com/chapter/10.1007/978-981-10-8687-8_9

https://krishi.icar.gov.in/jspui/bitstream/123456789/4520/1/WHITE%20GRUBS%20AND%20THEIR%20MANAGEMENT%20IN%20GROUNDNUT.pdf   

वाइट ग्रब से होने वाले नुकसान

  • वाइट ग्रब का प्रकोप मुख्य रूप से किसानो द्वारा पौधे को कच्ची गोबर की खाद देने से होता है
  • इसका लार्वा पौधे की जड़ो को नुकसान पहुँचता है, जिसके कारणवश पौधा मुर्झा कर कुछ दिनों बाद पौधा मर जाता है
  • इसका वयस्क रात में मिटटी से बाहर निकलता है तथा पौधे की पत्तियों को खाता है

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नियंत्रण

लार्वा /ग्रब का नियंत्रण

  • गर्मियों में जुताई करे |
  • पौध रोपण के पूर्व एवं बाद में सड़ी हुई गोबर की खाद का ही प्रयोग करे |
  • जमीन में खाद देते समय खाद के साथ कीटनाशक डस्ट का उपयोग करे |
  • क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी की ड्रेंचिंग (तने के चारो तरफ 18 इंच की गोलाई में) मिट्टी पर 1-1.5 मिली लीटर / लीटर पानी में डालकर करे |

वयस्क नियंत्रण

  • पौधे एवं खेत के आस पास की भूमि को साफ़ सुथरा रखे ।
  • मानसून की पहली बारिश के बाद शाम 7 बजे से रात 10 के बीच एक लाइट ट्रैप / एकड़ रखें |
  • मोनोक्रोटोफॉस 36 एस .एल. @ 6 मिलीलीटर / प्रति लीटर पानी में घोलकर इसका छिड़काव करें, छिड़काव का समय – 4:00 से 6:00 |

अस्वीकरण / Disclaimer

  • उपरोक्त विषय वस्तु हमारे अपने ज्ञान एवं अनुभव तथा वी एन आर बीही की खेती करने वाले किसानों के अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर प्रस्तुत है |
  • हम यहा किसी भी रासायनिक फॉर्मूलेशन को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बढ़ावा देना नहीं चाहते है|
  • रासायनिक उत्पादों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी पूर्णतः उनके बनाने वाले एवं बेचने वालों की है |
  • किसानों से निवेदन है कि रासायनिक उत्पादों की जांच अपने स्तर पर निर्माता एवं विक्रेता से सुनिश्चित करें उसके पश्चात ही उत्पादों को प्रयोग में लाए |
  • किसी भी प्रकार के भ्रम एवं विरोधाभास की स्थिति में वीएनआर नर्सरी की तकनीकी टीम अथवा नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र अथवा कृषि महाविद्यालय अथवा कृषि विश्वविद्यालय अथवा आईसीएआर के अनुसंधान केंद्र से संपर्क करें |