वापस शस्य पद्धति की सूचि पर जाएँ > वर्षाकाल में बगीचे की देखरेख
मानसून के दौरान बारिश के कारण पोषक तत्त्व आमतौर पर जड़ क्षेत्र से दूर चला जाता हैं, जिससे यह पौधे के लिए अनुपलब्ध हो जाता हैं। पौधे को वृद्धि के लिए पोषक तत्व की लगातार आवश्यकता होती हैं। यदि हम अधिक भीगी मिट्टी में ड्रिप के द्वारा पोषक तत्व देने का प्रयास करते हैं तो वह अधिक नमी के कारण से जड़ क्षेत्र में उपलब्ध नहीं होती।
हम मानसून के महीनों में पोषक तत्वों का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं?
- ड्रिप के माध्यम से पोषण प्रबंधन सूखी अथवा कम नमी युक्त मिट्टी में किया जा सकता हैं।
- मानसून के महीनों में जब लगातार बारिश होती हैं तब हम सूखे दिनों के दौरान एवं वर्षा के अंतराल में स्प्रे के माध्यम से पौधें को पोषण दे सकते हैं।
पोषक | स्रोत | मात्रा | अंतराल दिनों में |
नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम | 19:19:19 | 2 ग्राम / लीटर | 10 – 15 दिनों में |
एम एम एम | कॉम्बी – 2 | 2 ग्राम / लीटर | 10 – 15 दिनों में |
उपरोक्त पोषक तत्व का एक ही मिश्रण घोल बनाकर स्प्रे करना उपयुक्त एवं काम खर्चीला हैं।
अस्वीकरण / Disclaimer
- यहां पर लिखी सामग्री का प्रस्तुतीकरण हमारे एवं वीएनआर बीही किसानों द्वारा साझा किये हुए अनुभव के आधार पर हैं। हम यहां पर किसी रासायनिक फार्मुलेशन को किसी भी प्रकार से बढ़ावा देने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।
- किसी भी रसायन की गुणवत्ता एवं प्रयोग, उसको बनाने एवं विपणन करने वाली कंपनी, संस्था की पूर्ण जिम्मेदारी हैं।
- कृषक बंधु उपरोक्त रसायनों को खरीदने एवं प्रयोग करने से पहले सम्बंधित दुकान एवं कंपनी या संस्था से इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करें।
- किसी भी प्रकार की दुविधा होने पर किसान भाई वीएनआर नर्सरी की तकनिकी टीम, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय, अन्य कृषि संस्थान एवं क्षेत्रीय उद्यानिकी विभाग से परामर्श करें।